Do you know why water is offered to Shivling?
हिंदी पौराणिक कथाओं के अनुसार संक्रांतिकेबाद सावन के पहले सोमवार को शिवलिंग पर जल चढ़ाने का खास महत्व बताया गया है | इस दिन हर शिव मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुयों की लम्बी कतारें देखनेको मिल जाएगी | हिन्दू धर्म के अनुसार यह माना जाता है की सावन के सोमवार को जो शिवलिंक पर जल चढ़ाता है भोलेनाथ की असीम कृपा उनपर बनी रहती है |
क्या आप जानते हैं की शिवलिंग पर जल क्यों चढ़ाया जाता है ?
हिन्दू शास्त्र के अनुसार शिवलिंग को भगवान् शिव का स्वरुप माना गया है और संक्रांतिकेबाद सावन को शिवलिंग पर जल चढ़ाने को लेकर यह मानयता है की इसी मास (महीने) में समुद्र मंथन किया गया था | समुद्र मंथन के दौरान निकला कालकूट नामक विश से सृष्टि की रक्षा के लिए भगवान शिव ने विषपान किया था | विश के प्रभाव के कारन भगवान् भोलेनाथ के कंठ नीला व शरीर में गर्मी बढ़ गई थी जिसको शांत करने के लिए सभी देवी- देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया | जिस कारन भोलेनाथ को नीलकंठ महादेव के नाम से जाना जाता है | सावन मास में शिव भक्ति का उल्लेख आपको पुराणों में भी मिल जायेगा |

आपने शिव जी के मंदिरो में अक्सर शिवलिंग के ऊपर कलश भी लगा देखा होगा जिसमे से २४ घंटे शिवलिंक पर जल की बूंदे गिरती रहती है ताकि भोलेनाथ का अभिषेक होता रहे और हम लोगो पर भोलेनाथ की कृपा बानी रहे | श्री शिवाय नमस्तुभ्यं ||
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Arnold, M.D.